STORYMIRROR

अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Abstract Children Stories Comedy

4  

अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Abstract Children Stories Comedy

दिल की समझाता उसको

दिल की समझाता उसको

1 min
210

भेद मन के सब स्पष्ट बताता उसको 

बात हौले से दिल की समझाता उसको


है घिरा वो जिस गलतफहमियों से अब तक 

बोल किस्सा सब उससे झुठलाता उसको


नेह की टूट गई डोर जटिल जो प्यारी 

हाल-बेहाल हुआ जो दिखलाता उसको


भाव पाषाण हुए से दिल को ओ साथी! 

भावना से जुड़ करके बहलाता उसको


अब लगा हृदय से उनसे तुम बोलो 

प्रेम से मन समझाकर सहलाता उसको।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract