STORYMIRROR

savitri garg

Comedy

4  

savitri garg

Comedy

# होली

# होली

1 min
17

होली आई रंगों वाली, रंगों और हुड़दंगों वाली ।

प्यार और उमंगों वाली ,

सब रंगे हैं मस्ती में ,सब पर रंग चढ़ा है होली का।

होली आई रंगों वाली, रंगों और हुड़दंगों वाली।।

कहीं है रंग तो, कहीं गुलाल।

सड़कों में है होली, की मची धमाल।।

कहीं है बच्चों की पिचकारी तो

कहीं है रंग गुलाल,

कहीं पर नवजवानों की टोली करें धमाल।

होली आई रंगों वाली ,रंगों और हुड़दंगों वाली।।

कोई रंगा है प्यार में, कोई रंगा इज़हार में,

कोई रंगा है इकरार में , कोई रंगा हुआ है परिवार में।

होली आई रंगों वाली रंगों और हुड़दंगों वाली।।

किसी को है नशा भांग का, किसी को नशा गुलाल का ,

 किसी को नशा है ठंडाई का, तो ‌किसी को नशा है,तरह तरह के पकवान का।

 होली आई रंगों वाली और रंगों और हुड़दंगों वाली।

 सब रंगे है मस्ती में,

सब पर रंग चढ़ा है होली का।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy