सखी री सावन आया
सखी री सावन आया
सखी री सावन आया ,ऋतु मनभावन लाया।
काले- काले बादल छाए, घुमण- घुमण कर जल बरसाये।
रिमझिम फुहारों का मौसम लाया।
प्यार और उमंगों का मौसम आया।।
सखी री सावन आया, ऋतु मनभावन लाया।।
प्यारा पपिहा पीहू- पीहू के गीत सुनाये,
बिछड़े सजन की याद दिलाये।
बरसाती कीड़ों ने गुनगुनाया, तो मेंढक ने भी टर्र- टर्र गाया।।
सखी री सावन आया, ऋतु मनभावन लाया।
तीज त्यौहारों का मौसम आया, गोरी ने हाथों में मेहंदी लगाया।।
पेड़ों में भी झूले पड़ गये,सब सखियां मस्ती में झूले।।
सखी री सावन आया ,ऋतु मनभावन लाया ।
मायके जाने मौका आया, सखियों के संग मस्ती का मौका आया।।
सखी री सावन आया , ऋतु मनभावन लाया।।
