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Nidhi Sharma

Comedy Drama

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Nidhi Sharma

Comedy Drama

सर्दी की रविवार

सर्दी की रविवार

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सर्दी में रविवार की ये सुबह सुहानी..

पतिदेव और बच्चों को कितना है भाती..

पत्नी को लगे वही अतिरिक्त काम पुरानी..

ठंड में जब अपने मन को अपनों के लिए है समझती..

अपने फटे हुए एड़ियों पर जो ध्यान ना देती..

ठंड में भी वो सबके के लिए हर पल तैयार है रहती..!

हर रोज की तरह रविवार को भी रसोई को अपनाती..!

रात में जब वो थक कर अपने पैरों को है दबाती..

बगल से धीमी सी आवाज है ये आती..

ठंडी के रविवार को भी ऐसे ही हमने बिताया.. 

रविवार को भी कुछ विशेष नहीं मिल पाया..

न जाने ये औरतें फिर कैसे हैं थक जाती..!

पत्नी जी फटे होंठ से हैं मुस्कुराती..

और धीरे से ये गुनगुनाती.. 

ये मूई रविवार सर्दी में क्यों है आती..?

और आती है तो जल्दी क्यों नहीं चली जाती..!

दूसरों की ख्वाहिशों को भूलकर काश मैं भी थोड़ा बोरोप्लस लगाती..

सर्दी में जो ये रविवार स्त्री का रूप लेती..

खुशी-खुशी इसे मैं अपने गले लगाती

ठंडी में कम से कम ये तो मेरा हाथ बटाती..।



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