हरि शंकर गोयल

Comedy

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हरि शंकर गोयल

Comedy

यह भी खूब रही

यह भी खूब रही

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बैठे बैठे एक दिन दिमाग में एक बात गूंजी 

फेसबुक पे लोगों से हंसी दिल्लगी की सूझी 

एक खूबसूरत सी गजल फेसबुक पे लिख दी 

उसके नीचे एक खूबसूरत लड़की की फोटो रख दी 

फिर क्या था, लाइक्स की बाढ सी आई 

कमेंट में सब लोग देने लगे ढेरों बधाई 

कोई लाजवाब बता रहा था तो कोई बेहतरीन 

कोई माशाल्लाह कह रहा था तो कोई जहीन 

मगर कुछ कमेंट बड़े अटपटे से थे 

कुछ खटमिठ्ठे तो कुछ चटपटे से थे 

एक ने कहा "आप बहुत खूबसूरत हैं 

कुदरत का करिश्मा, संगमरमर की मूरत हैं" 

मैंने चार दफा शीशे में देखा , आगे देखा पीछे देखा 

वही काला कलूटा चेहरा था जिसे मैंने रोज देखा । 

आगे बढा तो एक ने लिखा "कलम में जादू है 

बात का बुरा मत मानना , दिल बड़ा बेकाबू है" 

इन्हें पढकर लबों पे मुस्कान छा गई  

ऐसा लगा जैसे कि लेखनी में जान आ गई  

आगे बढ़े तो एक महाशय ने लिखा 

"हैलो स्वीटी , यू आर ठू मच क्यूटी" 

पढकर मेरा माथा चकरा गया 

सोचने लगा कि "हरि से स्वीटी कब बन गया" ? 

एक ने तो सीधे ही "आई लव यू" बोल दिया 

अपने दिल का दरवाजा मेरे लिए खोल दिया 

तब पता चला कि यहां तो सब " रसिकलाल" बैठे हैं 

एक से बढकर एक "मुंगेरीलाल" बैठे हैं 

गजल पढी नहीं उन्होंने केवल फोटो देखा 

इसीलिए हुस्न के जादू ने उन्हें ऐसे लपेटा 

एक ने तो अपना मोबाइल नंबर ही लिख दिया था

फोटो वाली लडकी को उसने अपना दिल दिया था

तब मैं सोचने लगा कि सब जगह मंजनूं भरे पड़े हैं 

हसीन चेहरों पे अपनी लार टपकाए खड़े हैं 

हर लड़की पर लाइन मारने की इनकी आदत है 

कुछ लोगों को इस काम में मिली महारत है।



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