Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

सोनी गुप्ता

Abstract Comedy

4.5  

सोनी गुप्ता

Abstract Comedy

साम्राज्य मेरी पत्नी का

साम्राज्य मेरी पत्नी का

2 mins
348


मेरी हर महीने सैलरी का रखती वो पूरा हिसाब है, 

और मेरे हर सवालों का रखती वो तीखा जवाब है, 

हमारे घर का पूरा साम्राज्य बसा इनके ही हाथों में, 

ये किसी को भी ना समझ आती ऐसी ये किताब है I


जब-जब भी घर में, हजारों का शोर सुनाई देता है, 

हमारे लिए काफी उसकी चुपचाप-सी वो आवाज है, 

उसकी एक आवाज में, डरकर सहम जाते हैं सभी, 

साम्राज्य मेरी पत्नी का यही मेरी हमारी दास्तान है I


ठगती रहती और मैं उसके प्यार में ठगा जाता रहा, 

इच्छाओं के पीछे भागती और कहती तुमसे प्यार है, 

सम्राज्ञी बनकर बैठी हमको अपने इशारों पर नचाती, 

अपनी बात मनवाने को अश्कों से दामन भिगोती है I


साम्राज्य मेरी पत्नी का मेरे सपनों पर भी कब्जा है, 

नाटक कर अपने मोह-जाल में मुझको ये फंसाती है, 

इनकी तो हर ख्वाहिशों का सागर बहुत ही गहरा है, 

हुक्म चलाती अपना और मालिक हमको कहती है I


खुद गलती करके, भूल जाती है सारी गलतियाँ वो, 

गलतियाँ निकालो तो, खामियां हमारी गिनवाती है, 

सीधी-साधी सबके सामने, होंठों पर खुशी दिखाती, 

मेहमानों के जाने के बाद, बर्तन हमसे धुलवाती है I


जब भी इनको कह दो तुम मेकअप बहुत करती हो, 

तब हमें अपनी उन बड़ी-बड़ी आंखों से ये डराती है, 

जब भी कहती वो, थोड़े पैसे दे दो शॉपिंग के लिए, 

मेरी सैलरी से मेकअप की दुकान ये घर ले आती हैI


साम्राज्य मेरी पत्नी का हम पर अपना हुक्म चलाती, 

इनके मतलब की बात ना हो तो बेलन हमें दिखाती है, 

पैर दबाता इनके और ये कुंभकरण की तरह सो जाती, 

शॉपिंग कर थक गई कहती और चाय हमसे बनवाती है, 

साम्राज्य मेरी पत्नी का हम पर अपना हुक्म चलाती हैI


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract