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Nidhi Sharma

Children Stories

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Nidhi Sharma

Children Stories

मां

मां

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मोतियों को पिरोकर जो परिवार बनाती है

वो है मां..

हमारे रिश्तों की स्तंभ है मां..

स्थिति चाहे जैसे भी हो मां सब संभाल लेती है


हां वही तो थी जो बिन बोले 

हमें समझती है।


अपने दर्द को मुस्कुराहट में कुछ ऐसे छुपाती  

हमारी छोटी सी चोट बिन बताए महसूस कर लेती है!

खुद थकी होकर भी हमें, हौसला देती है


आने वाले गम के थपेड़ों से चोट ना आए

अपनी आंचल की छाया में महफूज रखती है

हमसे कहीं कोई चूक न हो जाए

हम पर अपनी पैनी नजर रखती है।


वो मां है जो हमें जीना सिखाती है, 

हमें जमाने की नजर न लग जाए 

इसलिए दुआओं के साथ नजर का टीका भी लगाती है।


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