यमराजजी को फिर समझाया मैं कि मेरी जान तो रहती है पड़ोस में। यमराजजी को फिर समझाया मैं कि मेरी जान तो रहती है पड़ोस में।
बिना कामवाली के घर का हर काम हो गया, जरुरत के हिसाब से जीना आसान हो गया, बिना कामवाली के घर का हर काम हो गया, जरुरत के हिसाब से जीना आसान हो गया,
पुरुषों जननी को इतना तो सम्मान दो साप्ताहिक ना सही महवारी रविवार दो! पुरुषों जननी को इतना तो सम्मान दो साप्ताहिक ना सही महवारी रविवार दो!
हर किसी की इच्छा, हम भी स्वाद चखें। हर किसी की इच्छा, हम भी स्वाद चखें।
चलो घूमने चलें मन में यही इच्छा जगती थी। दुनिया भी हंसती खेलती रहती थी। चलो घूमने चलें मन में यही इच्छा जगती थी। दुनिया भी हंसती खेलती रहती थी।
बीते जल्दी-जल्दी हफ्ता आ जाए फिर से रविवार। बीते जल्दी-जल्दी हफ्ता आ जाए फिर से रविवार।