लॉक डाउन में तो कमाल हो गया
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया
जहाँ परिवार में न होती थी आपस में बातें,
जोड़ दिया उन सब टूटे ख़्वाबों को,
समय दिया अब छूटे रिश्तों को,
फैमिली अब परिवार हो गया,
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II
स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सब बंद हो गए,
दोस्तों का साथ छूट गया,
जिन बातों को भूल गए थे,
अब उन बातों का अम्बार हो गया,
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II
दिमाग भी देखो कितना तेज हो गया,
मोबाइल में नहीं जानते थे जिन फीचर को,
उन्हें जानने का क्रेज हो गया,
दूर रहकर भी ,ज़ूम व्ह्ट्सअप से मिलाप हो गया
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II
बिना कामवाली के घर का हर काम हो गया,
जरुरत के हिसाब से जीना आसान हो गया,
बाहर का खाना भूल गए,
अब घर का खाना स्वाद हो गया,
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II
भगवान को खोजते थे मंदिरों में,
मंदिर के सभी पट अब बंद हो गए हैं,
जरूरमंदों की मदद करने वाला,
डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी अब भगवान हो गया,
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II
काम करते –करते थक गए थे,
रविवार के अलावा एक छुट्टी और मांगी थी,
देखो अब हर दिन रविवार हो गया,
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II
प्रकृति हो गई थी प्रदूषित बहुत,
गाड़ियों का ओड –इवन कई बार लगा,
फिर भी नहीं बदली इसकी सूरत,
देखो आज पूरा वातावरण साफ़ हो गया,
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II
किताबें बहुत खरीदी थी हमने,
बंद अलमारियों को देखा तो,
किताबों अम्बार हो गया,
आज खोली अलमारी तो उन किताबों का,
फिर से दीदार हो गया,
लॉक डाउन में तो कमाल हो गया II