खुशबू वो रूहानी थी या मौजों की रवानी थी... खुशबू वो रूहानी थी या मौजों की रवानी थी...
हर रूप में जीती बहती युगों युगों से अनंत कहानी मेरी। हर रूप में जीती बहती युगों युगों से अनंत कहानी मेरी।
हँसना , खिलखिलाना सिखाऊंगी मदमस्त चलना सिखाऊंगी उछलना कूदना सिखाऊंगी सपने देखना सिखाऊंगी... हँसना , खिलखिलाना सिखाऊंगी मदमस्त चलना सिखाऊंगी उछलना कूदना सिखाऊंगी ...
सुबह हुई बरसात फिर से गहरी लंबी सांसें भर कर मन की दीवारों को तोड़ा, हाथ खोलकर खड़ी हुई ... सुबह हुई बरसात फिर से गहरी लंबी सांसें भर कर मन की दीवारों को तोड़ा, ह...
कभी शरद पूनम की उजियार सी तो कभी उष्ण अंगार सी धधकती जाती है, ज़िन्दगी तू कभी शरद पूनम की उजियार सी तो कभी उष्ण अंगार सी धधकती जाती है, ज़िन्दगी तू
मन जब प्रगति करे तभी नारी उन्नति करे। मन जब प्रगति करे तभी नारी उन्नति करे।