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Dr.Rashmi Khare"neer"

Abstract

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Dr.Rashmi Khare"neer"

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युग

युग

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बहना मेरा काम

कभी वेग कभी मौन


कभी इठलाती कभी शांत

कभी बचपन की अठखेलियां


कभी तो जवानी की मदमस्त

और फिर बुढ़ापा का वो रूप भी

जहां कमजोर पड़ती


हर रूप में जीती बहती

युगों युगों से अनंत कहानी मेरी।


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