प्रगति
प्रगति
जब उन्नति हो
निरंतर
प्रतिभा जिसके
अंदर
तब प्रगति हो
यकीनन
वास्तव में
श्रीवास्तव
निकलो जब
द्वार से
तलवार निकले जैसे
म्यान से
तीखी अति तेज़
धार
कभी न करे
वार
मदमस्त
निगाहें
चोटिल
आहें
मार्ग में जो
आए
अश्रु बन बह
जाए
मन जब
प्रगति करे
तभी नारी
उन्नति करे।
