पता नहीं
पता नहीं
1 min
140
मुझे पता नहीं मेरे बेटे
खून पसीना खूब बहाया
तेरा मान कैसे बढाऊँ
आगे पीछे संसार बड़ा
महंगे स्कूलों से भरा
कहाँ से लाऊँ इतना धन
बोरा भर अनाज भी नहीं
कैसे तुझे काबिल बनाऊँ
शिक्षा अब व्यापर बनी
गुरु बन गए है व्यापारी
माँ सरस्वती का पूजन भी अब
लक्ष्मी बिन अधूरा हुआ
गुरुकुल में थी शिक्षा दीक्षा
क्या राजा क्या रंक
अब नया ज़माना आया
सूट बूट का आवरण पहनाया