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Prafulla Kumar Tripathi

Drama Romance Inspirational

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Prafulla Kumar Tripathi

Drama Romance Inspirational

प्रेम :सबसे सुंदर फूल चमन का !

प्रेम :सबसे सुंदर फूल चमन का !

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भाव जिसे हम दे पाएं ना, 

छोटा,बड़ा या मंझला फ्रेम।

दुनियां ने दे डाला उसको, 

नाम बड़ा इक प्रेम।।


प्रेम किया राधा ने जैसा, 

प्रेमी हो तो मीरा जैसा।

आज प्रेम का चलन है कैसा, 

लेन-देन व्यवहार हो वैसा।।


पा लेना चाहें हम सब कुछ, 

देना नहीं चाहते हैं हम।

इसीलिए बदनाम हो चला, 

देता रहता सबको है ग़म।।


प्रेम हाट में  है नहीं बिकता, 

प्रेम बन्धनों से नहीं रुकता।

प्रेम के पीर की अलग ही क्षमता,

सबसे सुंदर फूल चमन का।।


रांझा-हीर हैं उसके सिम्बल, 

नहीं है चलता कोई छल-बल।

इक सलीम के प्रेम में कैसा,

अकबर का कुछ,चला न बाहुबल।।


जितना जैसा हक़ प्रेमी का, 

उतना वैसा हक़ प्रियतम का।

प्रेम प्रतीक है सदा एक सा, 

सदा मांगता त्याग सभी का।।


सबकुछ लुटा दिया करते हैं, 

सच्चे प्रेम के जोगी।

दुनियां उन पर मर मिटती है, 

उन्हें भी समझें योगी।।


प्रेम बिन्दु है, प्रेम सिन्धु है, 

प्रेम गरल है, प्रेम तरल है।

प्रेम है मदिरा, यही रीत है, 

डर के आगे प्रेम की जीत है।।


बात बड़ी है, कह पाएं ना, 

अजब रीत सब चल पाएं ना।

जात-पात के हर बन्धन को, 

हर कोई भी तोड़ सके ना।।


नैन की भाषा, हृदय के बोल, 

कभी न करना कोई मोल।

प्रेम शून्य है, दुनियां गोल, 

इसीलिए वह है अनमोल।।


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