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SUNIL JI GARG

Drama Inspirational

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SUNIL JI GARG

Drama Inspirational

शादी की परी कथा ?

शादी की परी कथा ?

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परी कथा सी होती है भारत में शादी आज भी 

लगता है वो दिन स्वर्ग सा, सब उठाते नाज़ भी 


महारानी सी दुल्हन होती, परियां सभी सहेलियाँ

दूल्हा मस्त दोस्तों संग वो करता है अठखेलियाँ 


छप्पन व्यंजन सजते हैं, दावत में शादी की ज़रूर 

किसने कितना सजवाया, इस बात पर होता गुरूर 


फेरों से पहले ही होते विदा, ज़्यादातर आये बाराती 

राजा रानी के साथ बचते, दो चार थके हुए से घराती 


कुछ भी मंतर पढ़ के, पंडित जी करवाते हैं फेरे 

फिर कुछ देर के बाद वहीँ से, विदा करते सवेरे 


भूल चुके सब लोग, रात में परीलोक की सैर करी 

सब कुछ ठीक से निबट गया, ईश्वर ने खैर करी 


सुने समाज, तो एक बात कहूँ, कीजिये दिन में शादी 

कम लोग बुलावें प्रेम से, रोकिये पैसे की बर्बादी।


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