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Dinesh Dubey

Comedy

4  

Dinesh Dubey

Comedy

बंदर

बंदर

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9

मैने गलती से उनको ,

कह दिया की तुम सुन्दर हो,

इतना सुनना था की तुनक कर ,

कह गई की तुम बंदर हो ।

घबरा कर मैने देखा आईना,

मेरी शक्ल में कोई बदलाव ना था,

और उनके चेहरे पर भी ,

अपनी गलती का कोई भाव ना था।

खुद को मैं समझता था सिकंदर,

एक झटके में मैं बना था बंदर ,

मैं अभी कुछ समझ ना पाया ,

कालर पकड़ उसने खींचा अंदर,।

मैं घबराया वो खूब मुस्कराई ,

हंस के बोली हरजाई,

तुम हमको समझ ना पाए ,

यही तो है हमारी अदाएं।



साहित्याला गुण द्या
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