मच्छर
मच्छर
कितने ताकतवर हो तुम
कितना तेज डंक मारते हो
तुम रात में ही क्यों आते हो
क्या तुम्हें जान की परवाह नहीं ?
क्या करूं बहन जी दिन भर आप दौड़ती रहती हो
रात को आराम से पसरती हो
अंधेरे में आपको दिखाई नहीं पड़ता मैं
जैसे मारने चलती हो उड़ जाता हूं फिर से मैं।
जैसे भी हूं मैं आपका हमदर्द मच्छर ही तो हूं।
