सतरंगी पल की यादें
सतरंगी पल की यादें
वो सतरंगी पल हम चाह कर भी भूल नहीं पाते हैं,
जितना भूलना चाहते हैं उतना ही याद आते हैं।
उनकी यादों में हम खुदको भी भूल जाते हैं,
अपनी खुशनुमा जिंदगी भी व्यर्थ में गंवाते हैं।
जिस दिन हम खुशियों में जीना सीख लेंगे,
उस दिन हम खुद से खुद को जीत लेंगे।
हर वक्त जिंदगी सतरंगी हो ऐसा जरूरी तो नहीं,
हम बीते वक्त की याद में दुखी रहें कोई मजबूरी तो नहीं।
कोई रोता है तो किसी की खुशियां बेशुमार है,
कोई तरसता है तो किसी की जिंदगी में प्यार ही प्यार है।