सर्दी
सर्दी
सर्दी का क़हर जारी है,
रज़ाई,कम्बल खुश है
बक्से में बंद थे
अब मिली आज़ादी है ।
हम घर में छिपे बैठे हैं
खिड़की,दरवाज़े बंद कर
हीटर में हाथ गर्म कर
टीवी के सामने लेटे हैं
तभी काम से निकले बाहर
क़ुल्फ़ी बन घर लौटे हैं ।
सामने आए गर्म गर्म पकवान
ज्यों ही खाने को हाथ बढ़ाये है
डायटीशियन का फ़ोन आया
पन्द्रह दिन में कितना वज़न घटाये है
ग़लत नंबर कह
मुश्किल से जान छुड़ाये है
दिन तो किसी तरह निकल गया
रात अभी बाक़ी है
तभी ध्यान पेपर पर गया
तापमान माईनस में देख
ठिठुरन से फिर सोया नहीं गया ॥