इतनी मासूमियत किस काम की?
इतनी मासूमियत किस काम की?
आप जुबान से तो कुछ कहते नहीं ,
बस आंखों से टकटक देखते चले जाते हैं !
इतनी मासूमियत भी किस काम की,
हम तो बस अपना सिर धुने जाते हैं!
अगर हमसे प्यार है तो इजहार करो,
नहीं तो हम किसी और से प्यार जताते हैं!
मासूमियत से देखा तो अच्छे लगे ,
पर आप जब ना चाहें तो हम चले जाते हैं!
ऐसा ही होता है मासूम के साथ अक्सर ,
लोग सच्चे व अच्छे इंसा को नहीं जान पाते हैं!