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Sarita Maurya

Comedy

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Sarita Maurya

Comedy

सच का दौरा

सच का दौरा

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भैया इक दिन सच्चाई का पड़ गया हमको दौरा

बच्चे बोले पापा पागल हैं घरवाली बोली ई तो गये हैं बौरा!

हमने भी सोच लिया था हम सच्चाई पे चलेंगे

बहुत हो गया झूठा धंधा अब सच्ची बात करेंगे

बोल दिया मेहमानों को सीधे अपने घर जाओ

जेब हमारी हो गई ढीली अब न हमें तड़पाओ!

हो गये मेहमानी के दस दिन ओ अतिथि कब जाओगे

मेरी सौगंध तुम्हे प्यारे कह दो अब मुंह न कभी दिखाओगे!

पूरी रिश्तेदारी में फिर खासा बड़ा बवाल हुआ

पड़ा पीठ पर भद्द से डंडा बापू का मुंह लाल हुआ

गये छोड़ बीवी बच्चे बाहर जाना भी मुहाल हुआ।

सच्चाई तो सच्चाई है साथ न इसका छोड़ेंगे

हम हरिश्चंद्र के वंशज हैं न वचन कभी भी तोड़ेंगे

इक दिन बॉस ने पूछ लिया लल्लू हम कैसे दिखते हैं

हमने भी सच सच बोल दिया उल्लू भी आपसे अच्र्छे हैं

कुर्सी टूटी कागज फट गयेए चपरासी ने हमको धमकाया

जब कारण पूछा इस सबका कुत्तों को पीछे दौड़ाया

फिर अस्पताल में लम्बा सा पागलपन का भी इलाज चला।

सब्जीवाला कम तौल रहा थाए हमने कहा अनाड़ी हो 

घटतौली करते शर्म नहीं तुम तो बड़े जुगाड़ी हो

मिलकर रेड़ी ठेलेवालों ने ऐसा मुझको दौड़ाया

सच्चाई का साथ छोड़कर सीधे अपने घर आया

हाथपैर टूटे हैं फिर भी अपनी कमीज़ को धोता हूॅं

सच शब्द बनाया था जिसने उसके कर्मों को रोता हॅूं।

लौट आओ मेरे अपनों अब कड़वा सच न बोलूॅगा

खाता हूं कसम जीवन भर की सच्चाई वापस लेलूंगा ।



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