बेटी पूछती है
बेटी पूछती है
माँ क्यूँ मारा उस लड़की को ?
क्या बस में सफ़र जुर्म है ?
क्यूँ नहीं जा सकते हम अकेले कालेज ?
माँ क्यूँ जिन्दा हैं उसे मरने वाले?
माँ उन्हें पुलिस क्यूँ बचाती है ? बेकुसूरों पर क्यूँ चलती लाठियां
माँ मै खेलने क्यूँ न जाऊं ?
गोलू को कुछ नहीं कहती हो मई बहादुर हूँ फिर भी मुझे ही रोकती हो?
माँ तुम दूसरों के लिए भिड़ती हो कोई मुझे मारेगा तो बचा पाओगी ?
माँ तुम भी मर तो नहीं जाओगी ?
माँ बेटियों को सुरक्षा क्यूँ चाहिए ?
उसके अनगढ़ सवालों के नहीं मिलते जवाब
सच कहूँ उसके सवालों से डरने लगी हूँ
उस 5 वर्षीया को इंसानियत के बजाय इंसानों से डरने के और निबटने के गुर सिखाती हूँ
बेटी पूछती है तुम क्यूँ डरती हो माँ
मै बोल नहीं पाती हूँ
बस उसे कलेजे से लगाकर सहम जाती हूँ
बेटी पूछती है क्या करती हो माँ ?