STORYMIRROR

निशान्त "स्नेहाकांक्षी"

Comedy

4  

निशान्त "स्नेहाकांक्षी"

Comedy

सत्ता से सीमा तक

सत्ता से सीमा तक

1 min
136

सत्ता की रोटी सेंक रहे, ये राजनेता फेंक रहे, 

कुर्सी की बस चिंता है, देश बिके तो बिकता है ! 


सीमा पर सैनिक लड़ता है, लेकर इंकलाब का जज़्बा, 

सत्ता के गलियारों में छाया है देखो, शुद्ध लाभ का कब्ज़ा ! 


बयानों से झोली भरते नेता, सीमा पर गोली सहता बेटा ! 

बाहर सीमा पर शत्रु चोट करे, तो ये नेता अंदर से खोट भरें ! 


है देश को खतरा जितना, पड़ोसी छलचंदो से, 

कम नहीं कुछ दंत विषैले, इन राजलोभी जयचंदों के! 


पक्ष विपक्ष की बयानबाज़ी,आज फिर बाँकुरे ने जान गँवा दी, 

नेता जी संसद आये हैं, श्रद्धा के फूल भिजायें हैं, 


कल जवान की शहादत तौलेंगे, नेता जी वोट बटोरेंगे ! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy