मैं आयाराम तू गयाराम
मैं आयाराम तू गयाराम
कौन कहते है हमारा कोई न पक्ष
कुर्सी और पैसे के लिए मैं निष्पक्ष
पक्ष वो ही है हमारा जंहा है सत्ता
वंहा हम खेलते रहते जरूर पत्ता
इसलिए तो हम रहते पहले अपक्ष
सुविधा रहती जाने में सत्ता पक्ष
अटल हमारी विचारधारा है सेवा
सेवा करने से मिलता रहता मेवा
सत्ता पक्ष बुलाती हमें आयाराम
विपक्ष चिल्लाते कहकर गयाराम
यहाँ न होता जो होता काया में राम
आराम है मुद्रालेख और सेवा हराम
विचारधारा तो है संसार की माया
मिलना चाहिए कोई पक्ष से बकाया
कौन कहते हैं हमारा कोई न पक्ष
सत्ता से बड़ा नहीं होता कोई पक्ष।