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Vrajlal Sapovadia

Others

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कानून और न्याय

कानून और न्याय

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सोचा समझा विमर्श तो बहुत हुआ राजसभा में

दलदार बना कानून संगीन गुंडों की अब खैर नहीं 


अध्यापक ने विधि धारा पुस्तक में पूरा पढ़ाया 

अति जरूरी पन्ने पर तो रेखांकन करवाया 


विद्यार्थी ने मज़मून उपधारा इतना रट डाला 

वमन हो गया सारा उत्तर इम्तिहान में 


बहुत विद्यार्थी वकील बने कुछ न्यायाधीश 

अदालत में जब केस चला सब गंभीर थे 


वकील ने बड़े कानून से वाक्य में धारदार दलील दी 

सरकारी वकील ने शब्द से उसको काट दिया 


न्यायाधीश ने पूर्ण और अल्पविराम में बाजी पलट दी 

कानून भटक गया और सबूत अब साबुत नहीं रहे 


कहीं गुनाह नहीं बनता था कहीं मिला नहीं गुनहगार 

पकड़े थे वो निर्दोष छूट गए हो गया कारोबार 


कानून की किताबें रद्दी वाले ने खरीदकर उपकार किया  

सोचा समझा विमर्श तो बहुत हुआ राजसभा में


दलदार बना कानून संगीन गुंडों की अब खैर नहीं 

गुंडा नहीं मिला किताब से न्यायाधीश बेचारा लाचार 


   



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