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amit mohan

Comedy

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amit mohan

Comedy

एक और शौचालय

एक और शौचालय

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सुबह-सुबह जल्दी उठकर, घर से निकला वो मतवाला

कहाँ जाऊँ अब किधर जाऊँ, असमंजस में था वह भोला भाला

खुले में बैठा देखकर, उसको सब गाली देंगे

और इसी असमंजस में, वह पहुँच गया शौचालय

मोदी जी के भाव देखकर, डरता है करने वाला

सोच रहा है दिल ही दिल में, अब नहीं चलेगा यह साला

बिना लोटे के सुबह-सुबह की, बात कहीं पर नहीं बनती

यही सोचकर पहुँच गया, वह सुबह सबेरे शौचालय


साहित्याला गुण द्या
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