...... हाय! रे परीक्षा.......
...... हाय! रे परीक्षा.......
हाय! रे परीक्षा,
जब आती है, हमें रुलाती है।
बच्चों के दिलों में,
खौफ बन जाती है।
शुरू होने से पहले ही,
जो दिल को डराती है।
याद करने बैठो,
तो रात को नींद सताती है।
परीक्षा पास आती है,
विद्यार्थियों को भक्ति में डुबाती है।
जो उन्होंने साल भर नहीं किया,
वह सब कुछ उन्हें सिखाती है।
लेकिन, पेपर हाथ में आते ही,
सबके होश उड़ जाते हैं।.
कुछ याद आए, या ना आए,
भगवान की याद जरूर आती हैं।
हाय! रे परीक्षा,
तू कितना रुलाती है।
क्या तुझे मासूम बच्चों पर,
दया भी नहीं आती है।