..यही तो होली का त्यौहार है..
..यही तो होली का त्यौहार है..
थोड़ी खुशियाँ, थोड़ा प्यार,
थोड़ी हंसी, थोड़ी मुस्कान है,
इन सब से मिलकर जो बने,
वही तो होली का त्यौहार है,
थोड़ी मस्ती, थोड़ी शैतानी,
थोड़े गुब्बारे ,थोड़ी पानी,
बस इन्हीं से शुरू होती है,
आज के दिन की यह कहानी,
कभी लाल, कभी नीला,
कभी गुलाबी गुलाल है,
क्योंकि होली ही तो,
रंगों का त्योहार है,
थोड़े रंग ,थोड़े अबीर ,
लेकर आए साथ है,
सबको एक रंग में रंग देंगे,
ठानी यही बात है,
किसी को रंग में तो किसी को कीचड़ में,
डुबाना बस एक बार है,
अरे! बुरा ना मानो भाई,
यह तो होली का त्योहार है।
