STORYMIRROR

Mitali Sharma

Inspirational Thriller Others

4  

Mitali Sharma

Inspirational Thriller Others

एक भगत की फांसी, दूजा जलियांवाला बाग है,

एक भगत की फांसी, दूजा जलियांवाला बाग है,

1 min
238


भूले नहीं है हम वह दिन,

आज भी हमें याद है ।

याद करके उस दिन को,

जलती सीने में आग है ।

एक भगत की फांसी, 

दूजा जलियांवाला बाग है ।


दोनों तारीख और वह दिन,

हम कभी भूल नहीं पाएंगे ।

एक भगत की फांसी,

दूजा जलियांवाला बाग ।

हमें हमेशा याद आएंगे,

वो वीर हमेशा अमर कहलाएंगे ।


मासूमों पर गोली चलाया,

निहत्थों पर किया प्रहार है । 

किसी को क्या पता था,

कि डायर एक जल्लाद है ।

आज भी वह दिन लगता,

दिल पर एक दाग है ।

एक भगत की फांसी

दूजा जलियावालाबाग है ।


वो राजनीति, वो कूटनीति,

वो हत्यारे हमें याद है ।

भूले नहीं है कुछ भी हम,

न वो कोई भूली बिसरी बात है ।

सुखदेव, राजगुरु और

भगत सिंह की वो बातें हमें याद है ।


आज भी लगता है मन में,

कोई ताजा-ताजा घाव है ।

ये कोई चिंगारी नहीं कि बुझ जाएगी,

ये ना बुझने वाली आग है ।

एक भगत की फांसी, 

दूजा जलियांवाला बाग है ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational