एक भगत की फांसी, दूजा जलियांवाला बाग है,
एक भगत की फांसी, दूजा जलियांवाला बाग है,
भूले नहीं है हम वह दिन,
आज भी हमें याद है ।
याद करके उस दिन को,
जलती सीने में आग है ।
एक भगत की फांसी,
दूजा जलियांवाला बाग है ।
दोनों तारीख और वह दिन,
हम कभी भूल नहीं पाएंगे ।
एक भगत की फांसी,
दूजा जलियांवाला बाग ।
हमें हमेशा याद आएंगे,
वो वीर हमेशा अमर कहलाएंगे ।
मासूमों पर गोली चलाया,
निहत्थों पर किया प्रहार है ।
किसी को क्या पता था,
कि डायर एक जल्लाद है ।
आज भी वह दिन लगता,
दिल पर एक दाग है ।
एक भगत की फांसी
दूजा जलियावालाबाग है ।
वो राजनीति, वो कूटनीति,
वो हत्यारे हमें याद है ।
भूले नहीं है कुछ भी हम,
न वो कोई भूली बिसरी बात है ।
सुखदेव, राजगुरु और
भगत सिंह की वो बातें हमें याद है ।
आज भी लगता है मन में,
कोई ताजा-ताजा घाव है ।
ये कोई चिंगारी नहीं कि बुझ जाएगी,
ये ना बुझने वाली आग है ।
एक भगत की फांसी,
दूजा जलियांवाला बाग है ।
