.....यही भारत कहलाता है.....
.....यही भारत कहलाता है.....
हे भारत के नौजवानों,
तुम खुद को पहचानो ।
तुम भारत के बेटे हो,
तुम हिम्मत कभी ना हारो ।
शौर्य, बहादुर, साहस से,
यह भारत जाना जाता है ।
इसका अंश कहलाना भी,
सौभाग्य ही माना जाता है।
आकाश पाताल और नभ में ,
इसका परचम लहराता है ।
हर 15 अगस्त पर यहां,
तिरंगा फहराया जाता है ।
लाल किले पर लहराता झंडा,
दिल को बड़ा ही भाता है ।
इस तिरंगे को देखकर,
वो बलिदान याद आ जाता है ।
आज हम आज़ाद हैं,
वो इन वीरों की ही देन है ।
अपने प्राण गवाकर इन्होंने,
हमें आजादी दी भेट है ।
ये विजयभूमि, ये मातृभूमि,
ये कर्मभूमि कहलाता है ।
ऐसे ही थोड़ी भारत,
सबको इतना भाता है ।
ये बलिदानी भूमि है,
इसके हजारों दीवाने थे ।
जान हथेली पर रखकर,
माटी के लिए लड़ जाते थे ।
ये केवल एक देश नहीं,
यह हमारी माता है ।
और माता की रक्षा के खातिर,
बेटा कुछ भी कर जाता है ।
अगर प्राण देना जानते हैं,
तो प्राण लेना भी आता है ।
सर झुकना जानते हैं,
तो सर कटाना भी आता है ।
सब धर्मों से मिलकर बना,
वहीं भारत कहलाता है ।
कभी इंडिया ,कभी हिंदुस्तान,
तो कभी देव भूमि कहा जाता है।
