मिल जाएं गर तो शायद छपवा किताब देते। मिल जाएं गर तो शायद छपवा किताब देते।
कभी डांट में छिपे अहसास की पहचान कभी बारिश में भीगते पंछियों की शान कभी डांट में छिपे अहसास की पहचान कभी बारिश में भीगते पंछियों की शान
देख तेरे ख़्याल हमे बेतरह रुलाये जा रहे हैं थक गए निगाहों की नमी छुपाते छुपाते नासाज़ है... देख तेरे ख़्याल हमे बेतरह रुलाये जा रहे हैं थक गए निगाहों की नमी छुपात...
हाथ थामा है अगर तो साथ देना भी मेरा, क्योंकि तुझ तक पहुंचने की राहें नहीं है। हाथ थामा है अगर तो साथ देना भी मेरा, क्योंकि तुझ तक पहुंचने की राहें नहीं है।
जमाने से वो ही बेगाना हुआ हो गया जो दीवाना तेरे प्यार में। जमाने से वो ही बेगाना हुआ हो गया जो दीवाना तेरे प्यार में।
सही तकनीक का सही इस्तेमाल होना... बेहद ज़रुरी है.. जाने कब ? कैसे ? समझ पायेंगे ? सही तकनीक का सही इस्तेमाल होना... बेहद ज़रुरी है.. जाने कब ? कैसे ? समझ पायेंगे...