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कवि धरम सिंह मालवीय

Romance

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कवि धरम सिंह मालवीय

Romance

तेरे प्यार में

तेरे प्यार में

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क्या तोह्फा मिला है तेरे प्यार में 

दर्द दिल का मिला है तेरे प्यार में।


पागल कभी तो दीवाने कभी

क्या से क्या हो गए हम तेरे प्यार में।


मेने पाया है क्या प्यार करके तुझे 

एक गम ही मिला है तेरे प्यार में।


धूप निकली न थी बाँकपन की मेरे 

हो गए साँझ हम तेरे प्यार में।


हर ख़ुदा से मैंने माँगा तुझे

बन गए हैं भिखारी तेरे प्यार में।


जमाने से वो ही बेगाना हुआ

हो गया जो दीवाना तेरे प्यार में।


और ज्यादा सताओ हमको अगर

मर ही जाएँगे हम तेरे प्यार में।


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