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Ruchi Gopal

Romance

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Ruchi Gopal

Romance

तेरे ख़्याल

तेरे ख़्याल

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आज़ाद कर दे मुझ को

अपने ख़्यालों की क़ैद से

तेरे ख़्याल मुझे रुसवा

किये जा रहे हैं


महफ़िल में हो कर भी,

तन्हा हम रहते हैं

कहते है सब क्या आलम है,

क्यों दीवाने हुए जा रहे है

वादा किया था तूने अश्क ना

आने देंगे तेरी निगाहों में


देख तेरे ख़्याल हमे बेतरह

रुलाये जा रहे हैं

थक गए निगाहों की

नमी छुपाते छुपाते

नासाज़ है तबियत,

ये बहाने किये जा रहे हैं


समझते हैं हम की

नासमझ है दुनिया वाले

नासमझ तो हम हैं कि

बेवजह मुस्कुराये जा रहे हैं


हर पल इंतज़ार है तेरे

कदमों की आहट का

इसी इंतज़ार में राहें तके

जा रहे हैं

उफ्फ ये ख़्याल तेरे,

चंद पलों को भी

बरसों में तब्दील किये जा रहे हैं

आज़ाद कर दे मुझ को


तेरे ख़्याल मुझे....



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