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Keshab Chandra Dash

Comedy

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Keshab Chandra Dash

Comedy

आज छूटी है

आज छूटी है

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एक साहेब , थे भुलक्कड़

हमेशा कुछ ना कुछ भूलते

रहते थे,

बीवी डांटती रहती थी,

कोई काम तुम्हारा ठीक से

होता नहीं,

 हमेशा भुलते रहते हो,

मेरे बिना तुम्हारा कोई काम नहीं ।


हर दिन ऑफिस जाते समय

वही आवाज लहराती थी,

ओ जी सुनते हो.....

तुम्हारा चाबी छोड़ गए,

ओ जी तुम्हारा डायरी .....

जरा ठहरो , तुम्हारा फाइल यहां है ,

कोई चीज रखने में तुम्हारा ध्यान नहीं,

हमेशा भूलते रहते हो ,

मेरे बिना तुम्हारा कोई काम नहीं।


ठान ली एकदीन साहेब ने,

कल से में बदलूंगा,

काफी दिनों के बाद

में नया सवेरा देखूंगा,

अब से तोड़ूंगा मैं बीवी की गरुर,

बीवी बोली , ये भी कोशिश करलो जरूर ,

हमेशा भूलते रहते हो

मेरे बिना तुम्हारा कोई काम नहीं ।


बना लिया एक लिस्ट साहेब ने,

सबेरे क्या क्या लेना है,

फाइल,डायरी,पैसा,चाबी

सब कुछ रखलिया मैने

अब कभी नहीं भूलना है,

कल से बीवी के बगैर

अपना काम निपटूंगा,

कल से सुनाई नहिं देगी 

हमेशा भूलते रहते हो

मेरे बिना तुम्हारा कोई काम नहीं।


सवेरा हो गया,

अब हो गया जाने की तैयारी ।

सब रखलीया साहेब

अपने लिस्ट के हिसाब से,

जब कदम बढ़ाया अपने

गाड़ी के पास,

एक आवाज घर से आई

ओ,जी सुनते हो....

नहीं नहीं कोई चीज छोड़ी ही नहीं मैने

आजसे तुम्हारा कोई काम नहीं,

बीवी बोली, जरा ठहर जाओ ,

कहां जा रहे हो, इतना करके गुमान,

आज छूटी है, मेरे जान,

मेरे बिना तुम्हारा कोई नहीं

हमेशा भूलते रहते हो

मेरे बिना तुम्हारा कोई काम नहीं ।



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