ऊंचा बंगला, लम्बी गाड़ी अब साहब के पास ऊंचा बंगला, लम्बी गाड़ी अब साहब के पास
तुम ही कहो तो मैं क्या करूँ ? ख़ुशी मनाऊँ या आँसू बहाऊँ ? तुम ही कहो तो मैं क्या करूँ ? ख़ुशी मनाऊँ या आँसू बहाऊँ ?
ज़िन्दगी बीत गयी साहब सबूत और गवाह करते करते। ज़िन्दगी बीत गयी साहब सबूत और गवाह करते करते।
साहब की उन्नति का रहस्य साहब की उन्नति का रहस्य
साहब जहाँ मैं खड़ा था वही मेरी हमनवा मिल गई। साहब जहाँ मैं खड़ा था वही मेरी हमनवा मिल गई।
मामला नागरिकता का साहब है ये सारी उम्रें क्या सड़कों पे कट जाएग। मामला नागरिकता का साहब है ये सारी उम्रें क्या सड़कों पे कट जाएग।