दर्द यूँ
दर्द यूँ
दर्द अपने यूँ तुमको हम दे जाएंगे
नफ़रतों को मोहब्बत सिखा जाएंगे
चल दिए हैं हम अब जिस राह पर
उन राहों को फ़ूलों से सजा जाएंगे।
नफ़रतें जो खड़ी वो तो जल जाएंगी
साँस सड़कों पे जाने से थम जाएंगी
मामला नागरिकता का साहब है ये
सारी उम्रें क्या सड़कों पे कट जाएग।
