तुम ही कहो तो मैं क्या करूँ ? ख़ुशी मनाऊँ या आँसू बहाऊँ ? तुम ही कहो तो मैं क्या करूँ ? ख़ुशी मनाऊँ या आँसू बहाऊँ ?
उसे तराशिये निखारिये और मिसाल बनाइए। उसे तराशिये निखारिये और मिसाल बनाइए।
जब भर जाता है कोई घट उसे छलकना होता। दगा नहीं है सगा किसी का कब करता समझौता। जब भर जाता है कोई घट उसे छलकना होता। दगा नहीं है सगा किसी का कब करता ...
पहली मुलाकात की छाप मानो जैसे सारी दीवारें तोड़कर दिल में उतर जाना चाहती थी। पहली मुलाकात की छाप मानो जैसे सारी दीवारें तोड़कर दिल में उतर जाना चाहती थी।
बंधन की बेड़ी तोड़कर ये जीवन इन्हें जीने दो इनके लफ़्ज़ों को घुटन में मत पीने दो। बंधन की बेड़ी तोड़कर ये जीवन इन्हें जीने दो इनके लफ़्ज़ों को घुटन में मत पीने दो।
जब डर की विश्वास से तकरार हुई एक पत्ते से भी नैय्या पार हुई। जब डर की विश्वास से तकरार हुई एक पत्ते से भी नैय्या पार हुई।