कुत्ता का सदज्ञान
कुत्ता का सदज्ञान
एक फकीर ने कुत्ते से पूछा
तेरे मैं तीन कमियां है,
परंतु तू है वफादार ,
इसलिए सबका घर का
तू है चौकीदार ।
तीन कमियां,
तू पेशाब हमेशा दीवार पे ही
करता है ।
तू भिखारी को देखकर बिना बात के ही भौंकता है ।
रात को भौंक भौंक के
लोगों की नींद खराब करता है ।
सुन कर कुत्ता
फकीर से बोला,
जमीन पर पेशाब इस लिए नहीं करता
मेरे से कोई पाप ना
हो जाए ।
कही किसी रब्ब के बंदे ने
पेशाब के उप्पर
बैठकर कोई जपतप न कर जाए।
भिखारी पर इस लिए भौंकता हूँ कि
वोह भगवान को छोड कर
लोगों से क्यों मांगता है,,
इंसान खुद ही है भिकारी,
तो भगवान से क्यों नहीं मांगता है ?
और रात को इस लिए भौंकता हूँ कि
हे पापी इंसान तू इतना तो मान,
गफलत की नींद में क्यों
सोया हुआ है,
उठ ,जो तूझे सबकुछ दिया है,
ओह सिर्फ ही सिर्फ
ऊपरवाला है भगवान ।
