कविता, व्यंग, गीत, फिल्म लेखक कार्य पसंद।
रूठ के तुम जो सकुचाई। सागर लहरे पीछे जाई। रूठ के तुम जो सकुचाई। सागर लहरे पीछे जाई।
सोलह श्रृंगार देवी कराई सोलह श्रृंगार देवी कराई
क्या कहूँ, किससे कहूँ। भेड़ पीछे भेड़िये की खाल है।। क्या कहूँ, किससे कहूँ। भेड़ पीछे भेड़िये की खाल है।।
दिवस मंगल शुभ हैं आई। कढ़ाई पनीर विवाह रचाई।। १ खुश हैं दादा गरम मसाला। दिवस मंगल शुभ हैं आई। कढ़ाई पनीर विवाह रचाई।। १ खुश हैं दादा गरम मसाला।
दे सको तो दे दो पुराने दिन प्यारे। चाहे ले लो धन सुख सारे। दे सको तो दे दो पुराने दिन प्यारे। चाहे ले लो धन सुख सारे।
ईश करे सब ऐसा घर पाये। सुंदर घर संसार बसाये।। ईश करे सब ऐसा घर पाये। सुंदर घर संसार बसाये।।
सुत सुती की जान होती। माँ तो माँ होती। सुत सुती की जान होती। माँ तो माँ होती।
काकी नहींं कुनबे को नूर थी। मन मे बसी काकी चली गई दूर थी। काकी नहींं कुनबे को नूर थी। मन मे बसी काकी चली गई दूर थी।