नेता न रहा एलियन
नेता न रहा एलियन
जब आता है यहां चुनाव
हर कैंडिडेट आता हाथ जोड़
बाद में हो जाता वो परग्रही
जानता न कोई गली न मोड़
इस बार मैंने हिम्मत करके
ये बात नेता जी से कह दी
उन्होंने कहा, चलिए साथ
गाड़ी में मुझे भी जगह दी
शोर शराबा था प्रचार में
घूमने में वैसे मजा भी आया
नेता जी से कुछ परिचय हुआ
उन्हें मेरा कहना भी भाया
कहने लगे क्षेत्र काफी बड़ा
कोशिश करेंगे मिले न शिकायत
आपके जैसे हिम्मत वाले हों
तो तस्वीर बदलेगी थोड़ी शायद
वो चुनकर आए तो मैंने जाकर
घर पर उनके दी फूलों से बधाई
उन्होंने कहा अब एलियन नहीं
आपके मोहल्ले रोज़ आऊंगा भाई
ऐसे मैंने एक नेता को बदला
एलियन से बनाया यहीं का बाशिंदा
कभी कभी लग जाती है दिल को
अगर ठीक से करें किसी की निंदा।