भूल गये गीतों को रूठ गये मीतों को प्यार ने बुलाया नव बसंत आया भूल गये गीतों को रूठ गये मीतों को प्यार ने बुलाया नव बसंत आया
उठाया नहीं था, बहाया था तुम्ही ने।। उठाया नहीं था, बहाया था तुम्ही ने।।
सारा विश्व मौन खड़ा है, बस अपना स्वार्थ सभी को भाया है सारा विश्व मौन खड़ा है, बस अपना स्वार्थ सभी को भाया है
दिल्ली का तख्त हिलाया मेवाड़ केसरी वो कहलाया दिल्ली का तख्त हिलाया मेवाड़ केसरी वो कहलाया
जलवा खुद का अपने मन को भाया है, गुजर जाते है अपनी तनहा हालो से।। जलवा खुद का अपने मन को भाया है, गुजर जाते है अपनी तनहा हालो से।।
वफ़ा से कर गया इंकार मुझको वो ही बेगैरत दुखी मेरा हुआ है दिल उसी की ही ज़वाबी से. वफ़ा से कर गया इंकार मुझको वो ही बेगैरत दुखी मेरा हुआ है दिल उसी की ही ज़वाबी स...