फागुन की छायी बहार है ,सब मिल खेलो रंग । हर सू बिखरा रंग केसरी ,मनवा हुआ मलंग फागुन की छायी बहार है ,सब मिल खेलो रंग । हर सू बिखरा रंग केसरी ,मनवा हुआ मलंग
'में तिरंगा कहता हूँ तुमसे, सुन लो मेरी पुकार, रंग जाओ मेरे रंगों में, कल की सुबह में फिर, दर्द और च... 'में तिरंगा कहता हूँ तुमसे, सुन लो मेरी पुकार, रंग जाओ मेरे रंगों में, कल की सुब...
वो रंग केसरी जंचता था बहुत तुम पर.. नहीं खेलूँ होली उस रंग से इस बार.. वो रंग केसरी जंचता था बहुत तुम पर.. नहीं खेलूँ होली उस रंग से इस बार..
दिल्ली का तख्त हिलाया मेवाड़ केसरी वो कहलाया दिल्ली का तख्त हिलाया मेवाड़ केसरी वो कहलाया
हे कोरोना वीर तूने सबके लिये सौ दर्द सहे.. हे कोरोना वीर तूने सबके लिये सौ दर्द सहे..