बिखरने के बाद का सिमटा हुआ–सा मैं ‘था’ से लेकर ‘हूँ’ तक पूरा–का–पूरा जी लेता हूँ ख़ुद को ... बिखरने के बाद का सिमटा हुआ–सा मैं ‘था’ से लेकर ‘हूँ’ तक पूरा–का–पूरा जी ...
फागुन की छायी बहार है ,सब मिल खेलो रंग । हर सू बिखरा रंग केसरी ,मनवा हुआ मलंग फागुन की छायी बहार है ,सब मिल खेलो रंग । हर सू बिखरा रंग केसरी ,मनवा हुआ मलंग
बंद कमरा अक्सर कुछ छूटे हुए पल समेटे रखता है बंद कमरा अक्सर कुछ छूटे हुए पल समेटे रखता है
एक तूफान आया था सब कुछ तितर बितर करके चला गया है एक तूफान आया था सब कुछ तितर बितर करके चला गया है
दिखाई ना दे किसी को आत्मग्यान सें ध्यान करो, पता करो भगवान कहां है। दिखाई ना दे किसी को आत्मग्यान सें ध्यान करो, पता करो भगवान कहां है।
तुम भी देखो उसे छूकर जो तुम्हारे लिए है.. तुम भी देखो उसे छूकर जो तुम्हारे लिए है..