पुकार
पुकार
लौटकर वापस आ आऊंगा,
ऐसा भरम मत रखना।
आया था एक रोज़,
तुम्हारी देहरी पर।
उठाया नहीं था,
बहाया था तुम्ही ने।।
चाँद चाहिए था तुम्हें,
ध्रुव को धिक्कार दिया।
अब चिल्लाओ महल की भीतों पर,
बनाया था तुम्ही ने ।।
लौटकर वापस आ आऊंगा,
ऐसा भरम मत रखना।
आया था एक रोज़,
तुम्हारी देहरी पर।
उठाया नहीं था,
बहाया था तुम्ही ने।।
चाँद चाहिए था तुम्हें,
ध्रुव को धिक्कार दिया।
अब चिल्लाओ महल की भीतों पर,
बनाया था तुम्ही ने ।।