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ashok kumar bhatnagar

Tragedy

4.5  

ashok kumar bhatnagar

Tragedy

यह रात यह तन्हाई, और याद तेरी

यह रात यह तन्हाई, और याद तेरी

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यह रात यह तन्हाई, और याद तेरी,

ना सोने देती हैं, और ना जगने देती हैं।


मन के आगे छाई है तेरी छाया,

हर सांस में बसी है तेरी प्रेम कहानी।


जगती आँखों में जलती हैं चिराग तेरे नाम के,

ना रात को चैन आता है, ना सुबह की सवेरें।


तन्हाई में तेरी याद साथ लेकर चलते हैं ,

रात में तारो से तेरी बात कहते हैं |


दिल में सुनसान शहर, सिर्फ तेरी यादे ,

यादों की उम्मीद जगाती हैं अजनबी सरहदें।


यह रात यह तन्हाई, याद तेरी भरी हुई,

ना सोने देती हैं, ना जगने देती हैं।


तू रूह में बसी हुई ख्वाबों की सौगात हैं,

जब भी मिलती हैं, दिल मेरा बहक जाता हैं।


यह रात, यह तन्हाई और याद तेरी,

ना

सोने देती हैं और ना जगने देती हैं।


ये रात, ये तन्हाई, ये याद तेरी,

ज़िंदगी का आदान-प्रदान बन जाती हैं मेरी।


तेरी यादों के साथ सोया हूँ जगता हूँ,

मन की बेचैनी को तुझसे ही खुशियों में पालता हूँ।


मन की आहटों में उम्मीदों की छाया हैं,

तेरी यादों से भरी हुई हैं ज़िंदगी की माया हैं।


ये रात तन्हाई और यादों की दास्तान हैं,

जब भी आती हैं, दिल मेरा बेखुद हो जाता हैं।


यह रात, यह तन्हाई और याद तेरी,

ना सोने देती हैं और ना जगने देती हैं।


यह रात यह तन्हाई, याद तेरी अमर रहेंगी,

जब तक सांसें चलेंगी, तेरा नाम बस याद रहेगी।


यह रात यह तन्हाई, और याद तेरी,

ना सोने देती हैं, और ना जगने देती हैं।


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