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Pradeep Pokhriyal

Inspirational Classics

4.9  

Pradeep Pokhriyal

Inspirational Classics

पेड़

पेड़

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निवेदन नहीं किया 

घोंसला जब बनाया बया ने ।

निवेदन नहीं किया 

जब बिल बनाया विषधर ने ।

अपनी शाख, अपनी जड़ों से 

डरने लगा था पेड़ ।

सचेत नहीं किया,

कुंजरिन फूल ले गयी। 

आग्रह नहीं किया, 

पत्ते धूल ले गयी। 

अपनी कोंपल, अपने फलों से 

डरने लगा था पेड़ ।


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