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Dr Mahima Singh

Tragedy Inspirational

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Dr Mahima Singh

Tragedy Inspirational

नशे से दूर रह।

नशे से दूर रह।

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नशे को ना कर ।

है ! ये तेरा जीवन अनमोल ।

तू आया इस धरा पर ,कर

सार्थक अपना मनुज जीवन‌

न पाल पापी तू इसको

न बना तू पापी दोस्त

न बाँध तू पाप की गठरी

संग अपने नाम के

ये नशा तो है 

जाना पहचाना दुश्मन। 

छीने तुझसे सारी 

तेरी प्यारी सारी चीजें।

दूर रहो! न भूल से भी

छूना इसको । 

जहाँ देखो जहाँ जानो 

जाओ दो संदेश 

नशा तो बोले हरपल

टच भी नाट!

मैं हूँ छुई-मुई सा 

मुझको छूते ही तुम कुम्हलाओगे, जीवन

से तुम दूर चले जाओगे

बन के जिंदा लाश रहोगे।

करोगे चोटिल 

हर प्रियवर को । 

ये छीने आँखों 

से तेरे ख्वाब ,

तेरे कदमों से 

चलने की शक्ति।

करता पंगू ये 

तन-मन मस्तिष्क

न बनो तुम

 इसके दास यह 

तो है नरक का द्वार।

नशे को बंधु ना कर 

बढ़ा कदम जीवन की ओर।

करो अटल आज अभी 

इसी क्षण प्रतिज्ञा

मिलकर नशे को दूर भगाएं

कर दे इसका समूल नाश।


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