रामोत्सव
रामोत्सव
उत्सव अति भारी,
हर्षित नर नारी ।
हर जन जन उल्लासित,
हर श्वास राम नाम से हुयी सुवासित।
है यह पावन अवसर
धरा गगन मानो एक हुए,
चले पवन बसंती डगर डगर, ठिठुरती सर्दी में गूंज उठी
रामनाम की लहर हर शहर शहर ।
भर के राम नाम रस गगरी,
लक्ष्य सभी का बस पावन अयोध्या नगरी।
अयोध्या बनी है मानो आज दुल्हन,
जिधर देखो उधर भक्तों का रेला भारी
सरयू की लहरें देखो इठलाती इतराती
क्या नायक मिला राष्ट्र को जिसनें
लौटाया रामजन्म भूमि को उसका निज गौरव निज वैभव।
मां सरयू ने जो बुलाया बेटे ने,
मां का हर सपना साकार कर दिखाया।
राम लला के पावन अमृत रूप ज्योति का साक्षी होने को बेकल सारा ब्रह्माण्ड।
आज के युग का भगीरथी हमारे
नरेंद्र मोदी राम का है वो भक्त निराला
अहो भाग्य हमारे निज नयनो से देखूंगी
यह पावन उत्सव भारी हृदय के उदगार
बताना शब्दों मे है असंभव
कि जय श्री राम बोल रही है अयोध्या ।
धरती पर उतरेगा सम्पूर्ण देवलोक ,
देवो के देव महादेव के अराध्य राम का उत्सव है भारी,
कण कण हर तन मन हर्षित ।
हर जन मन पुलकित आओ मनाये
उत्सव पावन दीपावली साक्षी होने को
है तैयार सारा संसार ,
तो बोलो जय श्री सीताराम। जन जन के आराध्य
राम की नगरी सज गयी। चलो मनाये दिवाली घर- घर,
दीप प्रज्वलित हो हर घर आंगन, हर बाट हर घाट
चलो मनाये दिवाली रहे ना अंधेरा बाकी कहीं किसी भी कोने।
हैं यह क्षण सनातन संस्कृति की गाथा अक्षुण्ण,
प्रण हर हृदय ने उठाया है,
जो राम को लाए ,हम उनको लायें
