पर्यावरण दोस्त अटूट
पर्यावरण दोस्त अटूट
मुझसे करोगे जो प्यार
जीवन भविष्य रहेगा नित हरा भरा।
हरा सोना है सौदा खरा खरा,
जिसने जमा किया इसको,
जीवन बगिया
महक उठी उसकी।
बोलो बाबू मैं हरा सोना हूं
मुझको खरीदोगे,
ले चलो संग ले लो मोल
कोना कोना सुरभित हो उठेगा,
मन कर और आंगन महक उठेगा
जैसे नायाब बेमिसाल चंदन।
