तुलसीदास
तुलसीदास
गाँव चित्रकूट, राजपुर ब्रामण कुल में जन्म लिया ।
पिता आत्माराम ,माता हुलसी ने पालन पोषण किया ।।
जन्म से बड़े विचित्र, बोले राम नाम जी।
गुणों में श्रेष्ठ गुनी, बुद्धि के बड़े बलवान जी ।।
अर्धांगिनी रत्नावली से अटूट प्रीत अपने नाम किये।
धर्मपत्नी के ताने पर घर बार मोह त्याग दिए ।।
वैराग्य, आत्मचिंतक बन नरहरिदास के अनुगामी हुए ।
अयोध्या में राम नाम जप महाज्ञान प्राप्त किये ।।
भगवान राम के आराधक को शत-शत प्रणाम जी ।
जन मानस के पथ प्रदर्शक गोस्वामी तुलसीदास जी ।।
रामचरित मानस काव्य रच दिया गूढ़ संदेश अपार जी ।
राम नाम है सबसे बड़ा किया ऐसा जगत में उपकार जी ।।